
दक्षिण एशिया में नए समीकरण: USA द्वारा भारत पर 25% टैरिफ और पाकिस्तान से ऑयल, ट्रेड डील की घोषणा
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि 7 अगस्त 2025 से भारत से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सभी माल पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा।
- हालांकि यह 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन इसे 7 दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है
टैरिफ लगाने के कारण
- 90 दिनों की अस्थायी राहत अवधि के बावजूद कोई व्यापार समझौता नहीं हुआ।
- अमेरिका का आरोप है कि भारत का व्यापार रवैया असंतुलित और अनुचित है।
- भारत रूस से तेल और हथियार खरीदता रहा है, जो USA व NATO देशों के हितों के विरुद्ध है।
- भारत की BRICS में भूमिका (इसे अमेरिका-विरोधी समूह माना जाता है।)
- भारत द्वारा दबाव में व्यापार समझौता स्वीकार नहीं करना।
प्रभाव:
- निर्यात में 25–30% तक गिरावट की आशंका। (विशेष रूप से पेट्रोलियम, स्मार्टफोन और फार्मा क्षेत्रों में)
- डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होगा।
- विदेशी निवेशकों की निकासी से शेयर बाजार में गिरावट
- निवेशकों में अनिश्चितता और अस्थिरता बढ़ी।
- प्रमुख प्रभावित क्षेत्र: वस्त्र और आभूषण (Garments & Jewellery), ऑटोमोबाइल पार्ट्स।
- तेल और गैस: रूस से खरीदारी पर जुर्माना बढ़ने से लागत और आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
अमेरिका–पाकिस्तान ऑयल और ट्रेड डील की घोषणा
- संयुक्त राज्य ने पाकिस्तान के साथ रणनीतिक ऑयल व ट्रेड डील की घोषणा की।
- इसके तहत USA पाकिस्तान में तेल की खोज, प्रोसेसिंग और स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में मदद करेगा।
- इस साझेदारी का उद्देश्य पाकिस्तान के अप्रयुक्त ऊर्जा संसाधनों को विकसित करना है।
- इसके अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका पाकिस्तान पर सिर्फ 19% टैरिफ लगाएगा।
- दक्षिण एशिया में पाकिस्तान पर सबसे कम अमेरिकी टैरिफ लागू किया गया है।
- अमेरिका के लिए यह दक्षिण एशिया में चीन की बढ़ती पकड़ को संतुलित करने की रणनीति का हिस्सा है।
- अमेरिका ने भारत पर 25% और बांग्लादेश पर 20% टैरिफ लगाया है।
- इससे भारत और बांग्लादेश के निर्यात (विशेषकर वस्त्र) प्रभावित होंगे, जो अमेरिका पर निर्भर हैं।
- भारत-बांग्लादेश पर टैरिफ से पाकिस्तान को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सकती है क्योंकि उसके वस्त्र निर्यात पर फिलहाल टैरिफ नहीं लगाया गया है।
टैरिफ
टैरिफ के उद्देश्य:
टैरिफ के प्रकार:
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