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INS अजय (Yard 3034)

  • गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने 21 जुलाई 2025 को कोलकाता में 'INS अजय' का शुभारंभ किया।
  • यह अर्नाला श्रेणी के 8वें और अंतिम पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले पानी के जहाज (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft - ASW SWC) है।
  • यह जहाज भारतीय नौसेना की तटीय जल में पनडुब्बी रोधी क्षमताओं को मजबूत करेगा।
  • INS अजय का निर्माण 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री से किया गया है।

तकनीकी विशेषताएं और क्षमताएं

  • जहाज की लंबाई 77.6 मीटर, चौड़ाई 10.5 मीटर और विस्थापन लगभग 1,500 टन है।
  • यह डीजल इंजन और जलजेट प्रणोदन प्रणाली से संचालित होता है।
  • यह जहाज उथले पानी में पनडुब्बी रोधी युद्ध, सतह के नीचे निगरानी, खोज और बचाव अभियानों में सक्षम है।
  • यह पोत बारूदी सुरंगें बिछाने, तटीय जल में हल्के समुद्री अभियानों और P8I विमानों के साथ समन्वय के लिए डिजाइन किया गया है।
  • यह जहाज छोटी पनडुब्बियों और मानवरहित पानी के नीचे वाहनों का पता लगाने और हमला करने में सक्षम है।
  • यह पोत RBU-6000 पनडुब्बी रोधी रॉकेट लांचर और टारपीडो लांचर से सुसज्जित है।
  • इसमें स्वदेशी रूप से निर्मित 30 मिमी नौसैनिक सतह गन और दो 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल गन भी लगे हुए हैं।

ASW SWC कार्यक्रम

  • भारत सरकार ने 2014 में भारतीय नौसेना के लिए 16 पनडुब्बी रोधी उथले जलयानों के निर्माण को मंजूरी दी थी।
  • इन जहाजों का निर्माण सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत किया जा रहा है।
  • GRSE को 8 अर्नाला श्रेणी के जहाजों और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) को 8 माहे श्रेणी के जहाजों के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है।
  • GRSE ने इन जहाजों के निर्माण में निजी क्षेत्र के एलएंडटी कट्टुपल्ली शिपयार्ड के साथ सहयोग किया है।
  • ये 16 जहाज पुराने अभय-श्रेणी के कोरवेट्स की जगह लेंगे, जो 1989 से 1991 के बीच भारतीय नौसेना में शामिल किए गए थे।

INS अर्नाला श्रेणी के 8 जहाज

  • INS अर्नाला, INS अंजादीप, INS अमिनी, INS अग्रे, INS एंड्रोथ, INS अक्षय, INS अझिक्कल और INS अजय।
  • इस श्रेणी का नाम महाराष्ट्र के ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम पर रखा गया है।