
HOPE मिशन
- HOPE का पूरा नाम Himalayan Outpost for Planetary Exploration है।
- HOPE एक एनालॉग मिशन है जिसे ISRO और बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप Protoplanet ने मिलकर शुरू किया है।
- मिशन का उद्देश्य भविष्य के चंद्रमा और मंगल अभियानों के लिए मानव तैयारियों का परीक्षण करना है।
- मिशन की अवधि: 1 से 10 अगस्त 2025
- स्थान: Tso Kar Valley, लद्दाख
- इस मिशन से प्राप्त परिणाम स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन, पृथ्वी से परे मानव बस्तियों, और दीर्घकालिक अन्वेषण मिशनों के लिए आधार तैयार करेंगे।
मुख्य विशेषताएँ:
- एक विशेष शोध केंद्र (analog habitat) बनाया गया है जिसमें चालक दल को isolation में रखा जाता है।
- चालक दल पर शारीरिक, मानसिक, जैविक और आनुवंशिक परीक्षण किए जाते हैं।
- मिशन का उद्देश्य मानव अनुकूलनशीलता, जीवन-रक्षक प्रणालियों, और गति व आवास संबंधी उपकरणों का परीक्षण करना है।
- HOPE habitat दो भागों में बाँटा गया है:
- आवास मॉड्यूल (8 मीटर व्यास)
- उपयोगिता मॉड्यूल (5 मीटर व्यास)
लद्दाख को चुनने का कारण
- ऊँचाई: ~4,530 मीटर
- कम वायुदाब और तापमान
- उच्च यूवी विकिरण
- खुरदरी, पत्थरीली और नमक-युक्त सतह
- ये सभी स्थितियाँ चंद्रमा और मंगल ग्रह जैसे वातावरण के अनुरूप हैं
- ये भी जानें: भारत ने 2035 तक अपने अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक मानवयुक्त चंद्र मिशन की योजना बनाई है।