☑ Important for:-
1. RAS pre.
2. RAS Mains- Paper-III/Unit- I/IR
सुर्ख़ियों में:-
- हाल जर्मनी स्थित उइगर अधिकार समूह वर्ल्ड उइगर कांग्रेस को वर्ष 2023 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।
- यह समूह चीन में उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाता है और शांति व लोकतंत्र की स्थापना की मांग करता है।
- इस समूह को शांति के नोबल के लिए कनाडाई सांसदों, नॉर्वे में युवा उदारवादियों व नॉर्वे के वेंस्ट्रे राजनीतिक दल के युवा विंग ने नामित किया है। इन्होने इस समूह को नामांकित करते हुए नामांकन पत्र में “चीन में दमनकारी शासन” के खिलाफ आवाज़ उठाने वाला बताया।
- नोबल पुरस्कारों का ऐलान इस साल दिसंबर महीने में ओस्लो में होना है।
- हालांकि चीन ने इसका विरोध किया है और कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि ये विश्व शांति और विकास में योगदान देगा ना कि कुछ राजनैतिक हथियार के रूप में काम करेगा।
विश्व उइगर कांग्रेस:-
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- गठन– अप्रैल, 2004
- मुख्यालय– म्यूनिख, जर्मनी में
- अध्यक्ष– डोल्कन वन
- यह निर्वासित उइगर समूहों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है।
- उद्देश्य– उइगर लोगों के राजनीतिक भविष्य को निर्धारित करने के लिए शांतिपूर्ण, अहिंसक और लोकतांत्रिक साधनों का उपयोग करते हुए उइगर लोगों के अधिकारों को सहेजना।
उइगर मुस्लिम:-
- कौन है उइगर मुस्लिम– चीन में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त जातीय अल्पसंख्यक समुदाय जो चीन में अन्य जातिय समुदायों की तुलना में पिछड़े हुए है।
- निवास स्थान– चीन का शिनजियांग क्षेत्र (चीन के भीतर एक स्वायत्त क्षेत्र), मध्य एशियाई देश जैसे- उज़्बेकिस्तान, किर्गिज़स्तान और कज़ाखस्तान में भी निवासरत है।
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जातिय उत्पति– मुस्लिम अल्पसंख्यक लोग जो तुर्क जातीय समूह से संबंध रखते है व इनकी उत्पत्ति मध्य एवं पूर्वी एशिया से मानी जाती है।
उइगर मुस्लमानों पर अत्याचार की वजह:-
- उइगर स्वयं को सांस्कृतिक एवं जातीय रूप से मध्य एशियाई देशों के करीब पाते हैं व इनकी स्वयं की एक भाषा हैं, जो तुर्की भाषा के समान है।
- शिनजियांग प्रांत के उइगर मुस्लिम, आतंकवाद और अलगाववाद संबंधी झूठे आरोपों के कारण उत्पीड़न, ज़बरन नज़रबंदी, गहन जाँच, निगरानी और यहाँ तक कि गुलामी जैसे तमाम तरह के दुर्व्यवहारों का सामना कर रहे हैं।
- चीन का दावा है कि उइगर समुदाय एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करना चाहता है और, उइगरों के तुर्की और अन्य मध्य एशियाई देशों से सांस्कृतिक संबंधों के कारण, चीनी नेताओं को डर है कि उग्रवादी तत्त्व शिनजियांग में अलगाववादी आंदोलन को समर्थन दे सकते हैं। इसलिए, चीन की नीति पूरे समुदाय को संदिग्ध मानने और उइगरों की अलग पहचान को समाप्त करने के लिए एक व्यवस्थित परियोजना की शुरुआत है।
- वर्तमान में चीन के शिनजियांग प्रांत में चीन के हान समुदाय के लोगों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, जो कि इस क्षेत्र में डोमिनेंट जाति बन गयी है और उइगर मुस्लिमों के समक्ष आजीविका एवं अस्तित्व का संकट उत्पन्न हो गया है।
- वर्ष 2009 में दोनों समुदायों के बीच हिंसा भी हुई थी, जिसके कारण शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में 200 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर चीन के हान समुदाय से संबंधित थे।
- वर्तमान में चीन उइगर मुस्लिमों को केवल एक क्षेत्रीय अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देता है और यह विदेशी जाति के रूप में मानता हैं।
- उइगर लोगों ने प्रारम्भ में शिनजियांग को एक आजाद मुल्क की तरह स्थापित किया था, लेकिन वर्ष 1944 से 1949 के मध्य शिनजियांग के कुछ नेताओं ने इस क्षेत्र को चीन गणराज्य में मिलाने का प्रस्ताव रखा और सन् 1949 में इस क्षेत्र को चीन में मिला दिया गया।
उइगर मुस्लिमों पर चीन का रुख:-
- उइगर मुस्लिमों के अधिकारों और उन पर हो रहे अपराधों के दावों को लेकर चीन शुरू से ही विरोध करता रहा है।
- चीन का तर्क है वे अपने शिक्षा के केंद्र/शिविरों के माध्यम से उइगर ‘चरमपंथी भावनाओं’ और कट्टरपंथीकरण को पनपने नहीं दे रहे हैं तथा अपने गुमराह नागरिकों को केवल डी-रेडिकलाइज करता है|
- चीन ने इस मुद्दे पर विश्व के विभिन्न देशों से अपने आंतरिक मामलों में “अपनी गरिमा का सम्मान” करने के लिए कहा है
उइगर मुस्लिमों पर पश्चिमी देशों का रुख:-
- वर्ष 2020 में विश्व के लोकतांत्रिक देशों ने चीन की तथाकथित उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकारों और उन पर हो रहे अपराधों को रोकने के लिए चीन को पत्र लिखा था।
- संयुक्त राज्य अमेरिका ने शिनजियांग में चीन के दमन अभियान को तुरंत समाप्त करने के लिए पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना से आह्वान किया था, अमेरिका ने मुसलमान आबादी के दमन में शामिल होने के आरोपी चीनी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाये है व शिंजियांग क्षेत्र में दुर्व्यवहार के आरोपों में अमेरिका से जुड़े 28 चीनी संगठनों को काली सूची (ब्लैकलिस्ट) में सूचीबद्ध भी किया है।
उइगर मुस्लिमों पर मुस्लिम देशों का रुख:-
- सऊदी अरब, पाकिस्तान और यूएई सहित 37 मुस्लिम देशों ने शिनजियांग में चीनी विषम नीतियों का बचाव किया और “विकास के माध्यम से मानव की रक्षा और मानव अधिकारों को बढ़ावा देने” में चीन के प्रयासों की सराहना की।
- उइगर महिलाओं की इन भयावह कहानियों के बाद भी पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देशों ने चीन को अपना समर्थन देने की पुष्टि की है।
उइगर मुस्लिमों पर भारत का रुख:-
भारत सरकार ने उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों और उनके उत्पीड़न को लेकर आज तक कोई विशिष्ट एवं औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है व भारत इस मुद्दे पर चीन से सीधा विवाद उत्पन्न नहीं करना चाहता है क्योंकि वैश्विक मीडिया संस्थान और चीन द्वारा भारत पर जम्मू-कश्मीर में लोगों के मानवाधिकारों के आरोप लगाते है।
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